आखिर पाया है उन्होंने भी खोकर बहुत कुछ। आखिर पाया है उन्होंने भी खोकर बहुत कुछ।
इस जहां में हमसफर बन के मिलता ही कौन है इस जहां में हमसफर बन के मिलता ही कौन है
बिन सिफारिश के हकीमों ने न देखी नब्ज तक मर गए परिवार वाले हाथ मैं मलता रहा बिन सिफारिश के हकीमों ने न देखी नब्ज तक मर गए परिवार वाले हाथ मैं मलता ...
अब हमें तुम्हारे घर में तुम्हें ही हराना आता है। अब हमें तुम्हारे घर में तुम्हें ही हराना आता है।
रोशनी तो सूरज में भी है और चाँद में भी फ़र्क इतना है कि किसी में आग है तो किसी मे दाग़ ... रोशनी तो सूरज में भी है और चाँद में भी फ़र्क इतना है कि किसी में आग है...
मंदिर की घंटियां जब एक सुर में आवाज करती हैं एक नई सुबह की शुरुआत होती है मन की पवित्रता बहुत ... मंदिर की घंटियां जब एक सुर में आवाज करती हैं एक नई सुबह की शुरुआत होती है ...